कुछ दिन हवा और बादलों की आंखमिचोली में गुज़र गए......चमकीला आसमान देखे अरसा बीत गया था...
आज फिर कुछ मौसम अपना सा लगा था...आसमान की और देखा ...तारे तो चमक देख रहे थे...पर चाँद नदारद....
चाँद के इंतज़ार के कुछ लम्हे .....पूर्व से आते बादलों को देखने में लग गए ...बारिश के तो कोई आसार नहीं पर आसमान फिर से .........
मटमैला लगने लगा है .............
आज फिर कुछ मौसम अपना सा लगा था...आसमान की और देखा ...तारे तो चमक देख रहे थे...पर चाँद नदारद....
चाँद के इंतज़ार के कुछ लम्हे .....पूर्व से आते बादलों को देखने में लग गए ...बारिश के तो कोई आसार नहीं पर आसमान फिर से .........
मटमैला लगने लगा है .............
सुन्दर ख्याल्।
ReplyDeleteChand ko is jageh na aana tha, ...Aur bhi sooni lag rahi hai munder !
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