Friday, June 3, 2011

अपना अपना चाँद......................

कुछ दिन हवा और बादलों की आंखमिचोली में गुज़र गए......चमकीला आसमान देखे अरसा बीत गया था...
आज फिर कुछ मौसम अपना सा लगा था...आसमान की और देखा ...तारे तो चमक देख रहे थे...पर चाँद नदारद....


चाँद के इंतज़ार के कुछ लम्हे .....पूर्व से आते बादलों को देखने में लग गए ...बारिश के तो कोई आसार नहीं पर आसमान फिर से .........


मटमैला लगने लगा है   .............